Moody’s Rating ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले दो वर्षों में भारतीय मुद्रा लगभग पांच परसेंट और पिछले पांच वर्षों में 20 परसेंट गिरकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में से एक बन गई है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में लगातार गिरावट देखने को मिली है. हाल ही में रुपया 86.70 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक आ गया था. इसे लेकर आर्थिक जगत में खासी चिंता देखी जा रही है. रेटिंग एजेंसी का यह आकलन कई क्षेत्रों में बनी इस धारणा के उलट है कि डॉलर की मजबूती के बीच भारतीय करेंसी का प्रदर्शन अन्य करेंसी की तुलना में कहीं बेहतर रहा है.
Moody’s Rating ने भारत की 23 कंपनियों का आकलन किया
Moody’s Rating ने गिरते रुपये के प्रभावों को समझने के लिए भारत की 23 कंपनियों का आकलन किया है. इसके आधार पर मूडीज ने पाया कि इनमें से केवल छह कंपनियों पर ही डॉलर की मजबूती का असर पड़ रहा है. हालांकि मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन कंपनियों के पास भी असर को कम करने वाले कारक मौजूद हैं.https://www.newsnationtv.com/
जनवरी 2020 से अब तक रुपया 20 परसेंट गिरा-मूडीज
Moody’s Rating ने ‘दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया उभरते बाजारों की कंपनियों पर जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘पिछले दो सालों में रुपये में केवल पांच परसेंट की ही गिरावट आई है, लेकिन जनवरी 2020 से अब तक यह 20 परसेंट से ज्यादा गिर चुका है. इस तरह यह दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली करेंसी में से एक बन गई है.’http://trekkerstrifle.in