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HMPV कितना खतरनाक? कितनी है डरने की बात? स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सबकुछ किया साफ

दुनिया भर में HMPV वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. भारत में भी तीन संक्रमण के मामले सामने आए हैं. वायरस के संक्रमण को देखते हुए सोशल मीडिया पर #Lockdown भी ट्रेंड कर रहा है. इस बीच स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि ये वायरस कोई नया वायरस नहीं है और इससे परेशान होने की कोई बात नहीं है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इसे लेकर बयान जारी किया है. उन्होंने लोगों से चिंता न करने को कहते हुए बताया कि सरकार हालात पर करीब से नजर रख रही है और चिंता की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और देश में किसी भी सांस की परेशानी वाले मरीजों में कोई उछाल नहीं देखा गया है.

नड्डा ने कहा, ‘आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के पास उपलब्ध श्वसन वायरस के लिए देश के आंकड़ों की भी समीक्षा की गई है और भारत में किसी भी सामान्य श्वसन वायरस रोगजनकों में कोई उछाल नहीं देखा गया है.’ इस स्थिति की समीक्षा के लिए 4 जनवरी को डीजीएचएस की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी बैठक आयोजित की गई थी.https://trekkerstrifle.in/wp-admin/post.php?post=59&action=edit&classic-editor

भारत में HMPV संक्रमण के कितने मामले आए सामने?

बेंगलुरु में HMPV के दो मामले सामने आए हैं. जबकि एक मामला गुजरात से सामने आया है. कर्नाटक के दोनों मामले में एक 3 महीने का बच्चा और एक 8 महीने का एक बच्चा है. 3 महीने के बच्चे को डॉक्टरों ने ठीक कर घर भेज दिया है जबकि 8 महीने के बच्चे का इलाज चल रहा है और वह ठीक हो रहा है. वहीं गुजरात में HMPV वायरस के संक्रमण का एक मामला सामने आया है. गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा है कि इस वायरस का संक्रमण दो महीने के एक बच्चे में मिला है, जो राजस्थान के डुंगरपुर से सारवार आया था.

इस वायरस के खिलाफ भारत में कैसी तैयारियां
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि HMPV का प्रचलन भारत सहित पूरी दुनिया में पहले से है और विभिन्न देशों में इससे जुड़े श्वसन रोगों के मामले सामने आते रहे हैं. ICMR पूरे वर्ष HMPV के प्रसार के रुझानों को ट्रैक करता रहेगा.

मंत्रालय ने कहा, ‘हाल ही में देशभर में किए गए तैयारी अभ्यास से यह साबित हुआ है कि भारत किसी भी संभावित श्वसन बीमारी में वृद्धि को संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार है और जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप तुरंत लागू किए जा सकते हैं.’

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